नवग्रहों के मंत्र जाप, संख्या और दान
सूर्य : ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः का 7 हजार बार सूर्य के निमित्त तांबा, गेहूं, गुड़, लाल कमल, गौ, केसर, लाल कपड़े का दान किया जाता है।
चन्द्र: ऊं श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः मंत्र का 11 हजार जाप शाम के समय करें। चंद्र के निमित्त चांदी, मोती, शंख, चावल, मिश्री, सफेद फूल और कपूर दान करें।
मंगल: ऊं क्रां क्रीं क्रौं सः मंगलाय नमः मंत्र के 10 हजार जाप सूर्योदय के समय करें। तांबा, गुड़, गेहूं, शक्कर, लाल कपड़ा, मसूर की दाल, लाल चंदन का दान करें।
बुध: बुध को प्रसन्न करने के लिए ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः मंत्र के 9 हजार जाप सूर्योदय से पहले करें। हरा कपड़ा, मूंग, कांस्य पात्र, घी, और मिश्री का दान करना श्रेष्ठ रहता है।
गुरु: गुरु को प्रसन्न करने के लिए ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः मंत्र के 19 हजार जाप शाम के समय करें। सोना, लड्डू, चने की दाल, पीले कपड़े, हल्दी, नमक दान करने से गुरु की अनुकूलता प्राप्त होती है।
शुक्र को प्रसन्न करने के लिए ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः के 16 हजार जाप करें और श्वेत वस्त्र, श्वेत चंदन, घी, चावल, चीनी, दूध, दही का दान करें।
शनि: शनि को प्रसन्न करने के लिए ऊं प्रां प्री प्रौं सः शनये नमः मंत्र के 23 हजार जाप दोपहर के समय करें। तिल, तेल, उड़द, लौह पात्र, काला कपड़ा दान करें।
राहु: ऊं छ्रां छ्रीं छ्रौं सः राहवे नमः के 18 हजार जाप आधी रात को करें। राहु की अनुकूलता पाने के लिए कंबल, तिल, तेल, नारियल, सीसा का दान करें।
केतु: केतु के लिए ऊं स्त्रां, स्त्रीं, स्त्रौं सः केतवे नमः मंत्र के 18 हजार जाप सूर्योदय से पूर्व करें। तिल, कंबल, चीनी का दान करने से केतु प्रसन्न होंगे।
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